पिछले दो पोस्ट में मैंने ब्लॉग लेखन से संवंधित कुछ महत्वपूर्ण पहलूओं पर प्रकाश डाला, किन्तु जब अनुशासन की बात आई तो एक ब्लोगर जिनके नाम का उल्लेख उचित नहीं है, ने बेनामी टिपण्णी करके तर्कहीन बातें की . उनसे मैं यही कहना चाहूंगा कि यदि आप अपना नाम देकर टिपण्णी नहीं कर पा रहे हैं तो बेहतर है कि आप टिपण्णी न करें . लोग आपके विचारों को पहचानते हैं, अपनी पहचान को क्षति न पहुंचाएं ! स्वयं के प्रति ईमानदार रहें ।

अपनी राय भी परोसें :कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है कि लोग अपने ब्लॉग पर समाचार परोसते हैं, किन्तु समाचार के साथ यदि आप अपनी राय भी परोसें तो मेरा मानना है कि आप अपने आकर्षण से ज्यादा पाठक वर्ग हासिल कर सकते हैं ! क्योंकि समाचार लगभग सभी पाठक पहले से ही पढ़ चुके होते हैं ।

हमेशा सकारात्मक बने रहे : अच्छे ब्लॉग लेखन के लिए जरूरी है आप हमेशा सकारात्मक सोचे, सकारात्मक टिप्पणी करें और सकारात्मक पोस्ट लिखें । सारे नकारात्मक भावों को झटके से किनारे कर दें और सकारात्मकता को हमेशा के लिए अंगीकार करें । साथ ही आपसे जुड़े जो भी ब्लोगर हैं उन्हें भी सकारात्मक बने रहने की शिक्षा दें ।

अपनी पसंद के विचारों को महत्व दें : पोस्ट लेखन के दौरान आप वही लिखें जो आपको पसंद हो । यदि आप किसी ऐसे पोस्ट से गुजरते हैं जो आपको नापसंद हो तो कोई जरूरी नहीं कि आप अपनी नकारात्मकता को टिप्पणी के माध्यम से प्रदर्शित करे हीं । आप उस पोस्ट से अपने को अलग करते हुए अगले पोस्ट की ओर बढ़ जाईये , व्यर्थ की विवादों में अपना समय न गवाएं ।

बार -बार आत्मचिंतन करें : जिन चिजों की कमी आपके अन्दर है, आप उन्हें लेकर खुद को कम मत आंकिये । इस कॉम्पलेक्स से बाहर आईये । इसका रास्ता है कि आप केवल अपनी पोजिटिव चिजों पर ही ध्यान दीजिये , बजाय उन चिजों के जो आपके अन्दर नहीं है और दूसरे ब्लोगर के अन्दर है । सोचिये क्या व्यक्ति की पाँचों ऊँगलिया बराबर होती है ?

दूसरों को नीचा मत दिखाएँ : कुछ लोगों को दूसरों को नीचा दिखाने में मजा आता है । ऐसे लोग जानबूझ कर अनाप-सनाप टिप्पणी करते हैं । दूसरों का दिल दुखाते है । उन्हें परेशान करते हैं, ताकि वे खुद को सुपीरियर साबित कर सके । यदि आप ऐसे लोगों से घिरे हैं तो उन्हें महत्व मत दीजिये, किन्तु कोई आपकी सेल्फ स्टीम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे तो अपने भीतर उनसे सामना करने की ताक़त जरूर विकसित करें ।

अपने गुणों को सामने लायें : हर व्यक्ति में कोई -न-कोई गुण अवश्य होते हैं, जो उन्हें औरों से अलग करते हैं । अपने इन्हीं गुणों को ढूंढिए और ब्लोगिंग के माध्यम से उसका विकास कीजिये । इससे आपकी सेल्फ स्टीम में इजाफा होगा और आप खुद को लेकर अच्छा महसूस करेंगे ।

हमेशा खुश रहना सीखें : आपके पोस्ट पर किसी दिन बहुत टिप्पणी आई और आप खुश हो गए , दूसरे दिन कम टिप्पणी आई आप निराश हो गए और किसी दिन कोई टिप्पणी नहीं आई तो आपके भीतर नकारात्मक पहलू पनपने लगे । ऐसा नहीं होना चाहिए । ध्यान दें : टिप्पणी आपके पोस्ट का मानक नहीं है , बल्कि आपका लेखन आपकी योग्यता का मानक है ।

और बातें फिर कभी , आज बस इतना हीं .....

24 comments:

  1. हिंदी ब्लॉगिंग के विकास के लिए उपयोगी सूत्र ..
    एक बेहद सकारात्मक प्रेरणास्पद पोस्ट ...
    आभार ..!

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  2. बहुत अच्छा और सारगर्भित आलेख। समसामयिक भी। सार्थक भी।
    टिप्पणी पर एक महान व्यक्ति की टिप्पणी,

    "स्पष्ट लिखने वालों के पाठक होते हैं और जो अस्पष्ट लिखते हैं उन पर टिप्पणियां करने वाले होते हैं।"
    --- अब्राहम लिंकन
    अमरिका के 16वें राष्ट्रपति

    बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    शैशव, “मनोज” पर, आचार्य परशुराम राय की कविता पढिए!

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  3. प्रेरक पोस्ट, कोशिश करेंगे कि पालन कर सकें।

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  4. इसे अपने ब्लॉगर मित्रों को भेजने हेतु बुक मार्क कर लिया है |

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  5. हिंदी ब्लॉगिंग के विकास के लिए उपयोगी सूत्र ..

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  6. बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!

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  7. सकारात्मक प्रेरणास्पद पोस्ट ...आभार !

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  8. सही बात कही रविन्द्र जी।
    ब्लॉगिंग का मतलब ही है खुश रहना।
    लेकिन कुछ लोग स्वयं को खुश रखने के लिए
    दूसरों को परेशान देखना चाहते हैं।
    जैसे भी रहें-सब खुश रहें।

    आभार

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  9. प्रेरणा मिली इस पोस्ट से..वाकई दिलचस्प.

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  10. नए ब्लोगर्स के लिए उपयोगी सूत्र

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  11. टिप्पणी आपके पोस्ट का मानक नहीं है , बल्कि आपका लेखन आपकी योग्यता का मानक है.... शतप्रतिशत सहमत हूँ ...... आपके दिए गए सुझावों पर अमल करूँगा.... बढ़िया सुझाव दिए हैं ... आभार

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  12. टिप्पणी आपके पोस्ट का मानक नहीं है , बल्कि आपका लेखन आपकी योग्यता का मानक है ।
    एकदम यथार्थ है, हम तो गाँठ बाँधकर रखते हैं इस बात को। अच्‍छी प्रस्‍तुति, बधाई।

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  13. बहुत ही प्रेरणामयी पोस्ट ,इसके लिए आपका ह्रदयपूर्वक आभार


    महक

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  14. रविन्द्र जी आपके दृष्टिकोण को पढ़कर लगा कि आप हौसला देने का हूनर रखते हैं। निश्चित ही सकारात्मक सोचकर ही हम सुदृढ़ व स्वस्थ समाज की परिकल्पना कर सकते हैं।

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  15. wah ji wah achchi jaankari mere kaam ki 100% amal me laata hun ji inhe to main bhi ab aapka bahut bahut dhanyawad achchi jaankari dene ke liye

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  16. आपके द्वारा सुझाए गए ये सूत्र एक अच्छे ब्लोगर बनने में उपयोगी साबित होंगे.. आभार सर..

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  17. कोशिश संभलने की

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  18. उम्दा सलाह एवं आलेख.




    हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!

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  19. अच्‍छी सकारात्मक प्रस्‍तुति, बधाई।

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  20. एक सकारात्मक सोच के साथ प्रस्तुत की गयी सुन्दर सलाह....

    बहुत अच्छी पोस्ट रवीन्द्र जी,

    शुभकामनाएं व धन्यवाद!

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  21. टिप्पणी आपके पोस्ट का मानक नहीं है , बल्कि आपका लेखन आपकी योग्यता का मानक है ।
    बहुत अच्छा और सारगर्भित लेख।

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  22. आपने तो सफल ब्लोगिँग का मूल मंत्र ही दे दिया जी। आपका धन्यवाद! -:VISIT MY BLOG :- (1.) जिसको तुम अपना कहते हो.............कविता को पढ़कर तथा (2.) Mind and body researches..... ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप उपरोक्त लिँको पर क्लिक कर सकते हैँ।

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आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
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