यह हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है कि इरफ़ान जैसे चर्चित कार्टूनिस्ट हमारे हिंदी ब्लॉगजगत का हिस्सा हैं । दिल्ली निवासी इरफ़ान देश के प्रतिष्ठित कार्टूनिष्ट हैं । ये नव भारत टाईम्स, इकोनोमिक्स टाईम्स, फायिनेंसिअल एक्सप्रेस आदि अनेक समाचार पत्रों के संपादकीय कार्टूनिस्ट रह चुके हैं । देश-विदेश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों के अतिरिक्त बहुचर्चित टाईम्स मैगजीन की शोभा भी इनके कार्टून से बढ़ चुकी है । परिकल्पना ब्लॉग उत्सव हेतु इन्होने विशेष रूप से कुछ कार्टून भेजे हैं ...इनमें से एक कार्टून , जिसका विषय विगत दिनों हिंदी ब्लॉगजगत में सबसे ज्यादा छाया रहा प्रस्तुत है ।
.....जैसा कि ब्लोगोत्सव की परंपरा है कि प्रत्येक दिन हम हिंदी ब्लॉगजगत से एक पोस्ट का चयन कर यहाँ प्रस्तुत करते हैं , उसी के अंतर्गत आज के श्रेष्ठ पोस्ट का लिंक इसप्रकार है -
आश्चर्य होता है कि आज हिंदी के निरंतर विकृत होते रूप के प्रति बौद्धिकों में कोई चिंता नहीं है । कुछ मुट्ठीभर लोग अपवाद हो सकते हैं , किन्तु जो शक्तियां आज भी हिंदी को उसकी संबैधानिक हैसियत दिए जाने के खिलाफ हैं , उनके लिए तो शायद यह बेहतर ही है कि भाषिक अपसंस्कृति का कारोबार फूले-फले और उन्हें यह कहने का अवसर मिले कि सौ साल में हिंदी फिर अंग्रेजी की शरणागत हो चली है । उसका अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है । जहां तक हिंदी के लिए लेखकीय स्वाभिमान की बात है ऐसे लोगों का निरंतर अभाव होता जा रहा है । कुछ गिने-चुने साहित्यकारों के लिए भले ही यह जीवन-मरण का प्रश्न हो बहुतेरे कथित हिंदी सेवियों के लिए हिंदी सेवा एक प्रदर्शन भर है ।आज माला जी लेकर उपस्थित हैं इसी से संदर्भित एक आलेख- मैं हिंदी हूँ !.......यहाँ किलिक करें
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आज की महत्वपूर्ण चिट्ठी
आदरणीय रवीन्द्र जी,
लखनऊ नजाकत , नफासत से भरा शहर तो है ही, इसकी मिट्टी में एक खासियत यह भी है कि सम्मान की फसल से आबाद है.........
एक नई परिकल्पना के सूत्रपात के साथ आपने अपनी कलम को विभिन्न रंगों से पूर्णता दी है... समय के लिबास में
आपके विचारों की उन्मुक्त उड़ान अकल्पनीय है, अद्भुत है...
चयनित सामग्रियां एक ख़ास दिशा देती है साहित्य को . छायावाद, रहस्यवाद, सौन्दर्य , प्रगतिवाद ....... विभिन्न विधाओं का संकलन याद रहेगा.
शुभकामनायें ,
रश्मि प्रभा
(आपकी भावनाएं हमारे भीतर सात्विक ऊर्जा का संचार कर रही है और निरंतर बेहतर करने की प्रेरणा भी ....आपका आभार रश्मि जी )
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इसी के साथ आज का कार्यक्रम संपन्न ....दो दिन यानी शनिवार और रविवार के अवकाश के पश्चात पुन: मिलते हैं दिनांक २६.०४.२०१० को प्रात: ११ बजे परिकल्पना पर ...तबतक के लिए शुभ विदा !
blogotsav 2010 ke liye shubhkamnayen. Mere blog par shayad aap ko kuchh kavitayen, kahaniyan ya tippaniyan aisi milen, jinhen aap utsav ka hissa bana saken----
जवाब देंहटाएंdekhen
www.bat-bebat.blogspot.com
पुलक-मन निरन्तर चल रहा है यह ब्लॉगोत्सव !
जवाब देंहटाएंइतिहास-निर्मिति का उद्यम है यह !
उत्सव के समस्त कार्यक्रमों के लिए कोटिशः आभार ।
इरफान जी इस वक्त देश के श्रेष्ठतम ब्लागर हैं। उन की कृतियाँ यहाँ पा कर प्रसन्नता हुई।
जवाब देंहटाएंयह उत्सव अपने आप में एतिहासिक और अविस्मरनीय है, इस उत्सव की परिकल्पना करके आपने इतिहासपुरुष या फिर युगपुरुष की श्रेणी में प्रतिष्ठापित हो गए हैं .....सचमुच बहुत ही प्रशंसनीय ! आभार
जवाब देंहटाएंइसमें कोई संदेह नहीं ....इरफ़ान जी का कार्टून वाकई आकर्षक है !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब प्रभात जी, आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा कार्य आप कर रहे हैं प्रभात जी।
जवाब देंहटाएंइरफ़ान भाई तो चोटी के कार्टुनिस्ट हैं।
शुभकामनाएं
इरफान जी का हर कार्टून मन को उस की गहराईयों तक छू जाता है!
जवाब देंहटाएंब्लोगोत्सव के लिये मेरा अनुमोदन स्वीकार करे!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??
http://www.Sarathi.info
Nisandeh cartoon laajawab hain..
जवाब देंहटाएंPrastuti ke liye dhanyavaad.. Aapka yah kaya nisandeh prashanniya aur anukarniya hai..
Haardik badhai..