आज हिन्दी ब्लॉगिंग अत्यंत संवेदनात्मक दौर में पहुँच चुकी है ...हम तरह-तरह के उपायों के साथ हिन्दी को आयामित करने की दिशा में अग्रसर हैं , किंतु छल और छद्म हिन्दी के विकास के लिए सर्वथा उपयुक्त नही .....इसी से संबंधित श्री रवि रतलामी का यह आलेख आज श्रेष्ठ पोस्ट श्रृंखला के अंतर्गत प्रस्तुत है -

ए टू जैड ब्लॉगिंग : हिन्दी ब्लॉगिंग की पहली कट-पेस्ट किताब

कहा जाता है कि स्वास्थ्य मनुष्य का आभूषण है . एक ऐसा आभूषण जो व्यक्ति को बाहर और भीतर दोनों ओर सुन्दरता प्रदान करता है. आज प्रत्येक मनुष्य को पद,प्रतिष्ठा, प्रशंसा, पैसा, पुरस्कार और प्रसिद्धि की दरकार होती है जबकि स्वास्थ्य सही न हो तो ये सभी चीजें व्यर्थ है इसलिए आज ब्लोगोत्सव में आई हैं आयुर्वेद की जानकारी बांटने चर्चित ब्लोगर श्रीमती अलका सर्बत मिश्रा ....चलिए चलते हैं अलका जी के पास और जानकारी प्राप्त करते हैं कि कैसे इस नश्वर शरीर को हमेशा चुस्त-दुरुस्त रखा जाए ...........यहाँ किलिक करें

इसके साथ ही आज हम लेकर आये हैं प्रमुख विचारकों के विचार हिंदी के प्रति ......यहाँ किलिक करें

जारी है उत्सव मिलते हैं एक अल्प विराम के बाद

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