![किसी उपनिषद की तरह है यह परिकल्पना : इमरोज़](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgcSld3RbUgWHucbXx6WinO2d3LiAaOIVtSI9sE-wErJv44BhxVfHabItyZOmdMRLGBUn2ouRFc_Lsvo6MN7HGKPPjHLyrgEIIsA18esxVSCfWiPA0xxOZPotTP3khO4F3xqu7Ggqb_sOU/s72-c/OgAAAEMQU3hcuu3SrJnavDkW-LZaKDsScVRqNUsj-nARY9Kg5B7VfGxI63Qf_6crq1jEpBVXDdx4Rs3T9I85O60BRDcAm1T1UF91oa5iiTOmB9nGF43iZ3SG1y-w.jpg)
आशीर्वचन के दो शब्द अपने आप को गीत गाने दो अपने आप को सुनने दो हम काफी हैं अपना आप गाने के लिए और अपना आप सुनने के लिए किसी उपनिषद ...
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आशीर्वचन के दो शब्द अपने आप को गीत गाने दो अपने आप को सुनने दो हम काफी हैं अपना आप गाने के लिए और अपना आप सुनने के लिए किसी उपनिषद ...
भई, अबके गर्मियों की छुट्टियों मे हिंदुस्तान मे ही कहीं चलेंगे। परदेस चलने का कुछ मूड नहीं बन रहा!" सुबह बाथरूम मे खड़ा विपुल शेव करते ...
आँखें खुलीं तो पाया आँगन में चटकीली धुप फैली है.हडबडाकर खाट से तकरीबन कूद ही पड़ा.लेकिन दुसरे ही क्षण लस्त हो फिर बैठ गया.कहाँ जाना है उसे?,...
“तुम्हारे रतलाम के डॉक्टर डॉक्टर हैं या घसियारे?” एमवाय हॉस्पिटल इन्दौर के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल भराणी ने मरीज को पहली ही नज़र में देखते...
बस से उतर कर शिवदास को समझ नहीं आ रहा था कि उसके गांव को कौन सा रास्ता मुड़ता है । पच्चीस वर्ष बाद वह अपने गाँव आ रहा था । जीवन के इतने वर्ष ...
गर्म हवा के झोंके उदंडता पर उतारू होकर खिड़की किवाड़ पीट रहे थे ! पिघलती धूप में प्यासे कौवे की काँव काँव में घिघिआहट भरा विलाप शामिल था ....
मैं समय हूँ ! आज फिर उपस्थित हूँ ब्लोगोत्सव-२०१० में, क्योंकि आज का दिन कुछ ख़ास है . पारस्परिक सद्भावना को प्रश्रय देने वाले इस उत्सव मे...
कुछ ही दिन पूर्व एक विद्वान् लेखक का शोधपूर्ण तकनीकी लेख पढ़ा. “बहुत कठिन है डगर पनघट की”. इस लेख में पाँच तकनीकी बाधाओं का उल्लेख करते हुए ...
श्रेष्ठ पोस्ट श्रृंखला के अंतर्गत आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं "असुविधा" में दिनांक ०३.०३.२००९ को प्रकाशित श्री अशोक कुमार पाण्डे...
हमारे देश में गीत की काफी प्राचीन परम्परा रही है. अनुप्रास और उत्प्रेक्षा गीत के सौंदर्य को प्रकाशित करते रहे हैं. आधुनिक हिंदी के जन्मदाता ...
कहा गया है कि ग़ज़ल की असली कसौटी प्रभावोत्पादकता है . ग़ज़ल वही अच्छी होगी जिसमें असर और मौलिकता हो, जिससे पढ़ने वाले समझे कि यह उन्ही की द...
बीसवीं सदी की शुरुआत में महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन ने एक थ्योरी पेश की जिसका नाम था, ‘सापेक्षता का सिद्धान्त (Theory of relativity)। इस...
श्री के० के० यादव का कहना है कि साहित्य के सरोकारों को लेकर आज समाज में एक बहस छिड़ी हुई है। इस संक्रमण काल में कोई भी विधा मानवीय स...
श्री बालेन्दु शर्मा दाधीच का कहना है कि " ब्लोगिंग ऑनलाईन विश्व की आज़ाद अभिव्यक्ति है " इस विषय पर उनकी राय है कि -...
विविधता में एकता को प्रतिष्ठापित करने के उद्देश्य से इस उत्सव की परिकल्पना की गयी थी. आशाओं के अनुरूप हिंदी चिट्ठाकारों ने इसका समर्थन ही नह...
क्या आप हिन्दी ब्लॉगिंग करते है? क्या आप नियमित/अनियमित रुप से हिन्दी ब्लॉग पढते है? क्या आप इंटरनैट पर हिन्दी के बढते कदमों से प्रभावित है?...
निर्मला जी की ग़ज़लों को आत्मसात करने के बाद आईये अब ग़ज़ल के इस कारवाँ को आगे बढाते है ..... () सबसे पहले आईये नीरज गोस्वामी की दो ग़ज़लों क...
ग़ज़ल अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है जो बाद में फ़ारसी, उर्दू, और हिंदी साहित्य में भी बेहद लोकप्रिय हुइ। संगीत के क्षेत्र में इस वि...
मैं समय हूँ ! मैंने इसी गली में ग़ज़ल कहते सुना है ग़ालिब को....मीर को ....दुष्यंत की गज़लें भी इन्हीं गलियों से गुजरती हुई परवान चढ़ी थ...
"चिट्ठाकारिता ने हमें एक नया सामाजिक आस्वादन दिया. अगर यही रफ़्तार रही तो आने वाले समय में अच्छे लेखको को समाज में आदर भी मिलेगा और इनक...
यह है शांत जलराशि इसमें आप कंकड़ी फेंकोगे तो - केंद्र विन्दु से वर्तुलाकार अनेक तरंगे उत्पन्न होने लगेगी ....और ये तरंगें ही बता पाएंगी क...
यह हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है कि इरफ़ान जैसे चर्चित कार्टूनिस्ट हमारे हिंदी ब्लॉगजगत का हिस्सा हैं । दिल्ली निव...
स्वप्न मंजूषा ' अदा ' जी ने ख़ास तौर पर परिकल्पना ब्लॉग उत्सव - २०१० हेतु अपनी कविता के वीडियो भेजे हैं , कविता क...