चंद्रकांता सच कहती है चंद्रकांता सच कहती है

सच का होना और बात है,सच कहने की हिम्मत अलग सी बात है . ज़िन्दगी रंगीन भी होती है,रंग में बदरंग भी होती है ... आईने में दिखता  है अपना ...

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3:03 pm

हास्य रस हास्य रस

कल्पना में एक जिन्न हमेशा होता है या अलादीन का चिराग ..... जादू की तरह पलक झपकते सारे काम हो जाएँ , कौन नहीं चाहता ! लेकिन - !!! इस आरम्...

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12:47 pm

हाइकु हाइकु

डॉ हरदीप सिन्धु कहती हैं कि = हाइकु में ‘कहे’ से ‘अनकहा’ ज़्यादा होता है । जो नहीं कहा गया वो पाठक को खुद कहना होता है । ह...

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10:00 am

हमारे मध्य एक टुकड़ा धुप का माही के नाम ... हमारे मध्य एक टुकड़ा धुप का माही के नाम ...

माही  .... दूर तक उनके स्वर जो मुखरित हैं उसकी दास्ताँ मैं सुनाउंगी ... कहती हैं माही, मै वहां हूं जहां से मुझे अपनी ही खबर नहीं आत...

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2:55 pm

हो जाये तो क्या बात है ... हो जाये तो क्या बात है ...

आइये आज बिना किसी भूमिका के मैं आपको उनलोगों से मिलाऊं जो शायद आपको देखन में छोटन लगे पर घाव करें गंभीर ..... खिलखिलाती हंसी सी सुनीता...

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10:00 am

कहानियों में हम शब्द शब्द साँसें लेते हैं कहानियों में हम शब्द शब्द साँसें लेते हैं

अनिल कान्त - कहने को तो कुछ भी कह दूँ..मगर बदलते दौर से डरता हूँ मैं..कब तक रहेगा यही मुखौटा चेहरे पर मेरे..खुद भी नहीं जानता हू...

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5:00 pm
 
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