श्री नवीन कुमार ( retd. SBI officer ) के कथनानुसार,

" Hindu mythology और मेरे विचार से आत्मा नही मरती... पुनर्जन्म ज़रूरी नही कि मनुष्य योनि में ही हो, पर जब पुनर्जन्म है तो मनुष्य और अन्य जीव-जंतुओं में हैं और कई उदहारण भी हैं....जिससे यह प्रमाणित होता हैं कि पुनर्जन्म है."

इनकी पत्नी श्रीमती मंजु श्री का कहना हैं कि

" पुनर्जन्म होता हैं या नही इस पर कुछ कहना आसान नही है, पर मैं गीता को मानती हूँ और गीता के कथनानुसार "आत्माअजर अमर है" तो मैं मानती हूँ कि पुनर्जन्म होता है। साथ ही कई ऐसी अद्भुत घटनाएंपढने सुनने को मिलती हैं जिससे इस विश्वास को बल मिलता है...वैसे यह सोचना भी अच्छा लगता है कि जो प्रियगए हैं वे एक दिन लौट आयेंगे."



श्रीमती नीलम प्रभा ( शिक्षिका, हिंदी विभाग,डीपीएस ,पटना)
स्पष्ट शब्दों में कहती हैं,

 "पूर्वजन्म या अगला जन्म और बीच में मृत्यु....सब उतने ही सच हैं जितनी कल की ,आज की और कल की सुबह और प्रकृति के रहस्य हैं !"
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आईये चलते हैं कार्यक्रम स्थल की ओर जहां पवन  चन्दन  उपस्थित हैं अपनी कविताओं के माध्यम से कारगिल के शहीदों को नमन करते हुए ......यहाँ किलिक करें
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जारी है परिचर्चा मिलती हूँ एक अल्प विराम के बाद

5 comments:

  1. सलीम भाई शुक्र है आपने..."i think " तो कहा.....नहीं तो....

    कुंवर जी,

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  2. अभी एक समस्या और है....जो प्रमाण मांगते है इस बाबत....वो बताएँगे कि वो किन प्रमाणों को "प्रमाण" मानेंगे....

    कुंवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  3. क्या क्या विषय उठा लाते हैं रवीन्द्र जी ,
    वैसे आपने इस ब्लागोत्सव को सार्थक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोडी है
    हमारी हार्दिक मंगल कामनाएं

    जवाब देंहटाएं

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