कर्नल अजय कुमार का कहना है,

 "मैं पुनर्जन्म नही मानता , जितनी कहानियाँ निकलती हैं वह सब झूठी हैं और अपनी सोच के आधार पर लिखी जाती हैं।"

उनकी पत्नी श्रीमती उषा कुमार के विचार भी कुछ इसी तरह के हैं। उनका कहना है, "इस विषय पर मैंने कभी सोचा ही नही।

क्या है पूर्व जन्म और क्या है पुनर्जन्म...इन सारी बातों से परे मैं वर्त्तमान को जी रही हूँऔर यही सत्य है।"
 

श्री अभय कुमार सिन्हा ( retd. market secretary ) के शब्दों में,
 
" पुनर्जन्म का कोई प्रूफ़ नही है। सारी कहानियाँ मनोवैज्ञानिक स्वभाव की हैं। जैसे भगवान् आदमी के मन की उपज हैं, वैसे ही पुनर्जन्म के विचार हैं। यह सोचने के लिए की मृत्यु के बादसब ख़त्म हो जाता है, एक बड़ी भयंकर ताकत की ज़रूरत होती है। दरअसल मनुष्यएक continuity चाहता है तो इसे ही मान लेने में मानसिक संतुष्टि मिलती है। जिन्हें

इन बातों पर विश्वास होता है वे कम कारण ढूंढते हैं, जो हर बात में कारण जाननाचाहेंगे उन्हें इन बातों पर विश्वास नही होगा।"

इनकी पत्नी श्रीमती रेणु सिन्हा के शब्दों में,

"मैं जब छोटी थी तो पुनर्जन्म पर अनेक कहानियाँ सुनी, बड़े होने पर पढीं, पर इसका कोई ठोस प्रमाण वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नही था... पर, हिंदू धर्म में इस बात पर लोगों में विश्वास हैऔर यह सोच मन को एक शक्ति देती है कि हम किसी नए रूप में इस धरती पर फिर आयेंगे, मिलेंगे...मेरी सोच भी कहती है कि पुनर्जन्म होता है।"
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आईये अब चलते हैं कार्यक्रम स्थल की ओर जहां श्री सुमन सिन्हा उपस्थित हैं अपनी एक कविता के साथ ......यहाँ किलिक करें
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जारी है उत्सव मिलती हूँ एक अल्प विराम के बाद 

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